मंगलवार, 18 जनवरी 2011

राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ मर्यादाओं पर कायम रहने और सख्‍ती बरतने का वक्‍त ...नरेन्‍द्र सिंह तोमर ‘’आनन्‍द ‘’

राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ मर्यादाओं पर कायम रहने और सख्‍ती बरतने का वक्‍त  ...

नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द ''

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की कम से कम मेरे दिल में व्‍यक्तिगत बहुत इज्‍जत सम्‍मान और प्रतिष्‍ठा है , इसे मैं हमेशा एक आदर्श सेगठन के तौर पर देखता आया हूं ।  लेकिन जब से आर.एस.एस. पर औंधे सीधे आरोप लगना शुरू हुये हैं  और आर.एस.एस. जिस तरीके से आतंककवाद फैलाने या बदला लेने वाले हिन्‍दूओं का बचाव करने मे कूद पड़ी है मुझे राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक के नाम से नफरत सी होने लगी है ।

मुझे जनसंघ के वक्‍त से जहॉं तक याद पड़ता है , आर एस एस एक पवित्र संगठन रहा है , पर पता नहीं अब आर.एस.एस क्‍या हो गया है ..  समझ नहीं  आता ... लज्‍जाराम सिंह तोमर ..  अगर  आर.एस.एस. वाले इस  शख्‍स का नाम  जानते हों  ...  कहा करते  थे कि ये  आर.एस.एस. एक बेहद पवित्र संगठन है  ...  पर  आज  हमें  नहीं  लगता  ...  ये  आंतकवादीयों  और  बदला  लेने  वालों  की  रक्षा  संगठन  बनकर  मात्र रह  गया  है  ...  परम  आदरणीय  परम  पूज्‍य  मोहन  भागवत की  बात  को  दरकिनार  करके  ...  जो  भी  कहा सुना  जो  रहा है  ... हमें  पसंद नहीं   रहा  ...  हम  बहुत कशमकश  में  हैं  .... सच  क्या है  ..  साफ  कर  दिया जाये  तो  बेहतर  है  ...  क्‍या  हिंदू  आतंकवाद  फैलाना  ओर हिंदू  आंतंकवादियों  की  रक्षा  करना  अब  राष्‍ट्रीय  स्‍वयंसेवक  संघ का ध्‍येय  बन  गया है  ...........  हमें  बेहद  तकलीफ  है  ...  अत:  इस  प्रश्‍न  का  उत्‍तर  हमें  चाहिये  ....      

 

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