मंगलवार, 22 मार्च 2011

वरिष्ठ पत्रकार आलोक तोमर के निधन पर भिंड में शोक-श्रध्दांजलि आज

वरिष्ठ पत्रकार आलोक तोमर के निधन पर भिंड में शोक-श्रध्दांजलि आज

 

फोटो कप्सन 20 बी.एच.डी.1

भिण्ड, ब्यूरो 20 मार्च

दिल्ली में रहकर पत्रकारिता कर रहे भिण्ड में जन्मे वरिष्ठ पत्रकार आलोक तोमर का 20 मार्च को सुबह 11 बजकर 7 मिनट पर दिल्ली के बत्रा अस्पताल में निधन हो गया। वे 50 वर्ष के थे। स्व. तोमर अपने पीछे माता-पिता, पत्नी और इकलौती पुत्री को रोता बिलखता छोड़ गए। उनके निधन पर भिण्ड के पत्रकारों ने गहन संवेदना व्यक्त करते हुए मृतात्मा को शान्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना की है। स्व. तोमर का 21 मार्च को सुबह 11 बजे दिल्ली के लोधी रोड स्थित शमशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके निधन पर 22 मार्च को सुबह 9 बजे बद्रीप्रसाद की बगिया में म.प्र. श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा एक शोकसभा का आयोजन रखा गया है। जिसमें सभी पत्रकार साथियों से समय से उपस्थित होने की अपील की गई है।

वरिष्ठ पत्रकार आलोक तोमर का जन्म भिण्ड शहर में 27 दिसम्बर 1960 को गायत्री परिवार से जुड़े सेवा निवृत्त शिक्षक श्री भारत तोमर के घर हुआ था । साप्ताहिक देशराज भिण्ड से अपनी पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले स्व. तोमर ने दैनिक स्वदेश, जनसत्ता, करंट न्यूज आदि समाचार पत्र पत्रिकाओं में निर्भीक लेखनी से पहचान बनाई। उन्होंने कई पुस्तकों का लेखन भी किया। निर्भीक लेखनी के धनी आलोक तोमर उस समय चर्चा में आए जब 1984 में इन्दिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिक्ख दंगों के दौरान मानवीय रिपोर्टिंग को जनसत्ता ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। वर्तमान में आलोक तोमर सी.एन.ई.बी. चैनल से जुड़े थे। उन्होंने कई फिल्मों में पटकथा लेखन एवं टी.व्ही. सीरियलों में संवादों का लेखन किया। जी.टी.व्ही. पर प्रसारित होने वाले (जी मंत्रीजी) सीरियल से उन्हें काफी प्रसिध्दी मिली। वे बेव चैनल डेट लाईन इण्डिया के प्रधान संपादक भी थे। स्व. तोमर पिछले महीनों से फैफड़ों के कैन्सर से जीवन और मृत्यु के बीच जूझ रहे थे। 20 मार्च को दिल्ली के बत्रा अस्पताल में उन्होंने अन्तिम सांस ली। उनके निधन का समाचार मिलते ही भिण्ड जिले में शोक की लहर दौड़ गई। वरिष्ठ पत्रकार आलोक तोमर के निधन पर म.प्र. श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा 22 मार्च को सुबह 9 बजे बद्रीप्रसाद की बगिया में एक शोक सभा का आयोजन किया गया है। जिसमें सभी पत्रकार साथियों और गणमान्य नागरिकों से उपस्थित होने की अपील की गई है।

 

जल संरक्षण में अहम् भूमिका निभाएं युवा मण्डल : कलेक्टर

जल संरक्षण में अहम् भूमिका निभाएं युवा मण्डल : कलेक्टर

नेयूके का युवा सम्मेलन आयोजित

फोटो कप्सन 19 बी.एच.डी.1,2,3

भिण्ड। कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन ने कहा है कि युवा मण्डल के सदस्यों को कन्या भू्रण हत्या रोकने व जल संरक्षण में अहम् भूमिका निभाने की जरूरत है। इसके साथ ही युवा ग्रामीण अंचल में स्वच्छ शौचालय निर्माण की पहल करें और खेतों का पानी खेतों में रोकने के लिए मेड़ बंधान के लिए किसानों को प्रेरित करें। वे नेहरू युवा केन्द्र भिण्ड द्वारा व्यापार मण्डल ट्रस्ट में आयोजित युवा सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे, इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राकेश शर्मा, प्रो. डॉ. एस.बी. शर्मा, जिला युवा समन्वयक आर.डी. सिंघल भी मंचासीन थे।

उन्होंने कहा कि जिले में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या काफी कम है, जो काफी चिंता जनक है, उसकी बजह कन्या भ्रूण हत्या व महिलाओं के प्रति समाज का उपेक्षित नजरिया है। व्यक्ति का पहला अधिकार जन्म लेने का होता है, लेकिन यहां कन्याओं को यह अधिकार भी नहीं मिल रहा है। उसकी जन्म से पहले गर्भावस्था में हत्या कर दी जाती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में रक्त अल्पता यादा होती है, यदि यह गर्भावस्था में हो तो यादा खतरनाक हो जाती है। महिलाओं में रक्त अल्पता आने से कई बार प्रसव के दौरान शिशु व उसकी माँ दोनों की मौत हो जाती है।

उन्होंने भिण्ड जिले के युवा मण्डलों से आह्वान किया कि वे प्रमुख रूप से चार बिन्दुओं पर काम करें, जिनमें कन्या भू्रण हत्या को रोकना, ग्रामीण अंचल में स्वच्छ शौचालय का निर्माण, रक्त की अल्पता को दूर करना व जल का संरक्षण करना है, उन्होंने कहा कि पानी का संकट बढ़ा है। इसलिए जल संरक्षण और खेत का पानी खेत में रोकने के लिए मैड़ बंधान की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को ग्रामीण किसानों को पानी को रोकने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राकेश शर्मा ने स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी से युवाओं को अवगत करया। और कहा स्वस्थ्य व्यक्ति ही अच्छा काम कर सकता है। इसलिए स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़े, इसकी पहल युवा मण्डलों को करनी चाहिए। उन्होंने राय बीमारी सहायता योजना की जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना का लाभ उन लोगों को मिलता है, जो गरीबी रेखा के नीचे हैं। और उपचार का व्यय वहन करने की क्षमता नहीं रखते हैं।

विशिष्ट अतिथि भारत विकास परिषद के संरक्षक डॉ. एस.बी. शर्मा ने कहा कि युवा मण्डल की ग्रामीण विकास में अहम् भूमिका हो सकती है, युवा सम्मेलन में युवा वर्ग अपनी विकास के क्षेत्र में काम करने के लिए रणनीति तैयार करें, उन्होंने कहा कि अलग क्षेत्र के युवाओं को अपनी-अपनी योजनाओं का आदान-प्रदान करना चाहिए, इससे पूर्व भागवंती बाई शिक्षा प्रसार समित के सचिव शशिकांत शर्मा, विरधनपुरा ग्रामीण युवा मण्डल के सुनील दुबे, पाली युवा मण्डल के जयकिशोर राजौरिया, तेंदूलकर फैंस क्लब के संदीप चतुर्वेदी ने विचार रखे। कार्यक्रम के प्रारंभ में हरिओम समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष भरत नारायण लखेरे ने सहज योग के बारे में जानकारी दी। समापन अवसर पर कलेक्टर भिण्ड द्वारा युवा क्षमता संवर्धन कार्यक्रम के प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए। कार्यक्रम का संचालन लेखापाल आर.एस. शर्मा ने किया।

 

नेहरू युवा केन्‍द्र का युवा क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण का समापन

नेहरू युवा केन्‍द्र का युवा क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण का समापन

भविष्य के कर्णधार हैं ग्रामीण युवा : प्रेम

फोटो कप्सन 19 बी.एच.डी.5,6

भिण्ड। भारत की आत्मा गांव में बसती है, ग्रामीण युवा देश के भविष्य हैं, आज जो युवा हमारे सामने हैं उन्हीं में देश के कर्णधार हैं, इन पर ही पूरी आशाएं टिकी हैं। युवाओं में क्षमता अपार है, लेकिन उनको अवसर देने की जरूरत है, यह विचार सहकार भारती के प्रांतीय सचिव प्रेम शर्मा ने नेहरू युवा केन्द्र द्वारा आयोजित युवा क्षमता संवर्धन कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता उप वनमण्डलाधिकारी रविन्द्र शर्मा ने की, इस अवसर पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अभियंता आर.एस. बरुआ व नेहरू युवा केन्द्र भिण्ड के जिला युवा समन्वयक रामेश्वर दयाल सिंघल भी मौजूद थे।

मुख्य अतिथि शर्मा ने कहा कि विश्व का कोई भी ऐसा हिस्सा नहीं है जहां भारतीय युवा नहीं हों, उन्होंने कहा कि भारतीय युवा प्रतिभावान हैं, यदि उसे काम का अवसर मिलता है, तो उसे बखूबी पूरी करता है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि जिस क्षेत्र में भी काम करें पूरी मेहनत लगन से करें ताकि आपको सफलता मिले, उन्होंने सहकारिता आंदोलन की भी जानकारी दी और कहा कि सहकारिता के माध्यम से विकास संभव है, युवाओं को सहकारिता से भी जुड़ने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उप वन मण्डलाधिकारी रविन्द्र शर्मा ने कहा कि प्रकृति के साथ छेड़-छाड़ के नतीजे आज हमारे सामने हैं। यदि इसी तरह पेड़ों की अंधाधुंध कटाई होती रही तो मानव जीवन को खतरा है, उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण के बारे में केवल सोचना नहीं वल्कि कुछ करना है, उन्होंने कहा कि एक पेड़ का कटना एक व्यक्ति की मौत के समान है, इसलिए हमें अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने के अलावा दूसरों को भी पौधा लगाने के लिए प्रेरित करना है और पेड़ों को कटने से बचाना है।

विशिष्ट अतिथि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के सहायक यंत्री आर.एन. बरुआ ने अंधेरा मिटाने के लिए अब हम चलें गांव की ओर इन पंक्तियों को गाते हुए कहा कि युवाओं को अपनी क्षमता का भरपूर उपयोग करना चाहिए, नेहरू युवा केन्द्र ने जो क्षमता संवर्धन के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम लगाया है, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि झुकने वाले ही जीवित रहते हैं, जो नहीं झुकते वे टूट जाते हैं। पेड़-पौधे जीवन दायिनी हैं, इनका संरक्षण कर और उनसे प्रेरणा भी लें।

नेहरू युवा केन्द्र भिण्ड के जिला युवा समन्वयक आर.डी. सिंघल ने युवा क्षमता संवर्धन कार्यक्रम की जानकारी दी और कहा कि युवाओं को क्षमता की बढ़ाने के लिए आयोजित इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में युवाओं को महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारी आए, उन्होंने युवाओं को तमाम योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन लेखापाल आर.एस. वर्मा एवं आभार अनिल शर्मा ने व्यक्त किया।

 

सोमवार, 21 मार्च 2011

चम्‍बल के लाड़ले सपूत वरिष्‍ठ पत्रकार आलोक तोमर के निधन से समूचा ग्‍वालियर चम्‍बल शोकमग्‍न, अवाक और सकते में रह गये ग्‍वालियर चम्‍बल वासी, फेसबुक पर भी सन्नाटा छाया

चम्‍बल के लाड़ले सपूत वरिष्‍ठ पत्रकार आलोक तोमर के निधन से समूचा ग्‍वालियर चम्‍बल शोकमग्‍न, अवाक और सकते में रह गये ग्‍वालियर चम्‍बल वासी, फेसबुक पर भी सन्नाटा छाया

 

मुरैना/ग्‍वालियर/भिण्‍ड/श्‍योपुर/दतिया/शिवपुरी 20 मार्च 2011 आज दोपहर फेसबुक के माध्‍यम से जैसे ही वरिष्‍ठ पत्रकार आलोक तोमर के निधन का समाचार समूचे ग्‍वालियर चम्‍बल अंचल में पहुँचा पहले तो किसी को विश्‍वास ही नहीं हुआ लेकिन खबर की पुष्‍टि होते ही लोग अवाक होकर सकते में आ गये और सबकी ऑंखें फटी रह गईं ।

सुबह से लोग होली के त्‍यौहार की रंगारंग मस्‍ती में व्‍यस्त थे लेकिन आलोक तोमर के निधन के समाचार के बाद चारों ओर सन्‍नाटा पसर गया । ज्ञात हो कि मुरैना जिला में अम्‍बाह तहसील के एक छोटे से गॉंव में जन्‍मे आलोक तोमर ने भिण्‍ड में अपनी पढ़ाई लिखाई की उसके बाद ग्‍वालियर में पत्रकारिता को अपना कर्म एवं धर्म तथा ग्‍वालियर चम्‍बल अंचल को अपनी कर्मभूमि बनाया । आलोक तोमर ने मशहूर समाचार पत्र स्वदेश में भी पत्रकारिता की और उसके बाद दिल्‍ली चले गये और दिल्‍ली को अपनी कर्मभूमि बनाया । वहॉं सुप्रिया से विवाह किया और फिर दिल्‍ली में ही अनेक प्रिण्‍ट व इलेक्‍ट्रानिक मीडिया संस्‍थानों में कार्य करके राष्‍ट्रीय वरिष्‍ठ खोजी अन्‍वेषक और निर्भीक पत्रकार की ख्‍याति प्राप्‍त की ।

मुरैना जन्‍मभूमि और भिण्‍ड एवं चम्‍बल अंचल और ग्‍वालियर संभाग से आलोक तोमर का मोह अंतिम सांस तक नहीं छूटा, और वे रोजाना या कम से कम सप्‍ताह में एक बार अवश्‍य ही फेसबुक के माध्‍यम से या पत्रकारों को फोन लगाकर खबरें लेते रहते थे । अभी चंद रोज पहले ही ग्‍वालियर टाइम्‍स के प्रधान संपादक नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनंद'' से उन्होंने काफी लम्‍बी बातचीत की और कुछ जानकारियॉं और फाइलें फेसबुक पर कमेण्‍ट और मैसेज कर मांगीं, जानकारी मुहैया कराने के बाद वे काफी प्रसन्‍नचित्‍त थे उन्होनें अपने विशिष्‍ट अंदाज में धन्‍यवाद भी अदा किया , उनके निधन से बेहद दुखी ग्‍वालियर टाइम्‍स के प्रधान संपादक नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनंद'' ने बताया कि हमेशा मुझे NST  के ही नाम से पुकारते थे और इस नाम से जो मेरे बेहद आत्‍मीय जन हैं वे बुलाते हैं, श्री तोमर के मुताबिक फेसबुक पर उनका मेरी वाल पर किया गया अंतिम कमेण्‍ट और मैसेज तथा धन्‍यवाद मैसेज अब अविस्‍मरणीय एवं अंतिम हो गये हैं , लेकिन वे मेरे लिये अनमोल और अविस्‍मरणीय एवं सहेज कर रखने योग्‍य हो गये हैं क्‍योंकि आलोक तोमर केवल चंद लोगों की वाल पर ही जाते थे और कमेण्‍ट या उन्‍हें पर्सनल मैसेज करते थे । श्री तोमर के मुताबिक कुछ इच्‍छायें उन्‍होंनें मुझसे व्‍यक्‍त की थीं जो कि साहित्‍य जगत और पत्रकारिता में पूरी करनी हैं अब मैं उन्‍हें अवश्‍य पूर्ण करूंगा ।

आलोक तोमर चम्‍बल में अंतिम बार मुरैना में एक समाचार पत्र जनदर्शन के लोकार्पण व उद्घाटन समारोह में वरिष्‍ठ पत्रकार प्रभाष जोशी के साथ आये थे , चम्‍बल में यही उन दोनों पत्रकारिता के महारथीयों का अंतिम कार्यक्रम था और यही अंतिम वीडियो भी जिसमें भारत के दोनों श्रेष्‍ठ व सिंहनादी पत्रकार एक साथ एक ही मंच पर आसनारूढ़ हैं, जिसमें आलोक तोमर और प्रभाष जोशी से मिलने चम्‍बल के सारे पत्रकार एक साथ आये इसके अलावा चम्‍बल की सारी गण्‍यमाण्‍य हस्‍तियां भी वहॉं इन दोनों से मिलने जा पहुंचीं ।

आलोक तोमर के निधन के समाचार से ग्‍वालियर चम्‍बल अंचल में शोक का सन्‍नाटा पसरा हुआ है, आलोक तोमर सभी के बहुत चहेते थे । इसके अलावा फेसबुक पर भी आलोक तोमर के निधन की खबर से शोक का सन्‍नाटा छा गया है और ग्‍वालियर चम्‍बल अंचल एवं फेसबुक पर चल रहा होली का रंगारंग उत्‍सव थम गया है । फेसबुक पर उनके तकरीबन 5000 मित्र थे , सभी शोकाकुल होकर उनकी वाल पर शोक एवं भावपूर्ण संदेशों में अपनी श्रद्धांजलियां दे रहे हैं, चूंकि फेसबुक की एक खाते की अधिकतम मित्र सीमा 5000 ही है अत: बकाया लोग अपनी अपनी वाल पर उनके निधन पर संदेश प्रकाशित कर श्रद्धांजलियां दे रहे हैं । फेसबुक पर सबके चहेते पत्रकार रहे आलोक तोमर के निधन का दुख लगभग सभी फेसबुक सदस्‍यों को है जिसकी वजह से फेसबुक भी होली के रंगोत्‍सव को रोक आलोक तोमर को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं ।

आलोक तोमर का दाह संस्‍कार कल 21 मार्च को दिल्‍ली में लोधी लोधीरोड स्‍थित श्‍मशान गृह पर किया जायेगा ।

ग्‍वालियर चम्‍बल के अनेक पत्रकारों ने अपनी शोक संवेदनायें व श्रद्धांजलियां आलोक तोमर को दी हैं, वरिष्‍ठ पत्रकार राकेश पाठक, रामभुवन सिंह कुशवाह, राम विद्रोही, नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनंद'', राकेश अचल, देव श्रीमाली, अशोक शर्मा, रामविलास शर्मा, प्रेम राजपूत, करतार सिंह राजपूत, अतर सिंह डण्‍डोतिया, असलम खान, दिवाकर शर्मा, सीताराम गोयल, सतेन्‍द्र सिंह परमार, यदुनाथ सिंह तोमर, राकेश गोयल, राजकुमार दुबे, विनोद त्रिपाठी, विजय तिवारी, लायक सिंह गुर्जर, हरिमोहन शर्मा, सीयाराम बालक, सोनेन्‍द्र सिंह सिकरवार, राजेश सिंह सिकरवार, हरिओम शर्मा, रवीन्द्र सिंह सिकरवार, शिवरतन सिह तोमर, रामू भदौरिया, सत्‍येन्द्र सिंह सिकरवार, अनिल तोमर, सत्‍येन्‍द्र सिंह तोमर, रवीन्‍द्र सिंह कुशवाह, ए लाम्‍बा , सत्‍येन्‍द्र शर्मा, दीपक श्रीवास्‍तव आदि शामिल हैं ।