बुधवार, 12 जनवरी 2011

कबीर के शब्द अमर होते हैं- डॉ. अरोड़ा

कबीर के शब्द अमर होते हैं- डॉ. अरोड़ा

(ग्वालियर साहित्य अकादमी द्वारा कवि वचन स्मृति समारोह संपन्न)

ग्वालियर 11 जनवरी 2011/ ''कवि के शब्द अमर होते हैं'' कवि वचन श्रीवास्तव की कृतियां उनके महाकाव्य , गीत संग्रह आज हमारी विरासत हैं और इस विरासत की रक्षा से ही सृजन की यह परंपरा आगे बढ़ेगी। ऐसे महाकवि को शत शत बार नमन।''

       ग्वालियर साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित कविवर वचन स्मृति समारोह में दौलतगंज स्थित साहित्य सभा भवन में अपने श्रध्दा सुमन प्रकट करते हुये कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व संयुक्त संचालक जनसंपर्क, डॉ. सुभाष चंद्र अरोड़ा ने अपने उदबोधन में ये उदगार प्रकट किये।

       लोकतंत्र पत्रिका के संपादक डॉ. भगवान स्वरूप चैतन्य, डॉ. राजेश श्रीवास्तव , भारती नंदन श्रीवास्तव एव वचन श्रीवास्तव द्वारा संयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि डॉ पूनमचंद तिवारी ने की। उन्होने कहा कि कवि वचन की कविताएें और यादें भुलापाना असंभव है। उनके स्वर आज भी हमारी स्मृतियों में गुंजायमान है। वे योगी महान पुरूष एवं महाकवि थे । आचार्य द्रोण एवं विवेकमन  महाकाव्य हिन्दी साहित्य की अमर कृतियां हैं।

       समारोह में कानपुर से आए श्री देवीचरण कश्यप तथा पृथ्वी पुर से एम डी मिश्रा, आनंद विशिष्ट ने कवि के रूप में अपनी काव्यांजली अर्पित  की । समारोह में महाकवि वचन श्रीवास्तव के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर डॉ सुरेश सम्राट, श्री मनोज श्रीवास्तव , डॉ शिव बरूआ तथा डॉ रामप्रकाश अनुरागी ने विस्तार से प्रकाश डाला ।

       इस अवसर पर डॉ पूनमचंद तिवारी को महाकवि वचन स्मृति राष्ट्रीय अलंकरण से विभूषित किया गया। इसके अलावा नगर के सृजनशील कवि श्री प्रकाश मिश्र, कादम्बरी आर्य, धीरेन्द्र गहलौत 'धीर' श्याम श्रीवास्तव , सनम, मनोज सक्सैना, रामसेवक शाक्यवार , राकेश राज भटनागर , डॉ पारस कटारिया , डॉ एम डी मिश्र  आनंद तथा श्री देवीचरण कश्यप को वचन स्मृति साहित्य सम्मान से शाल, श्रीफल एवं  सम्मान पत्र प्रदान कर नवाजा गया। 

       स्वर्गीय श्री वचन श्रीवास्तव की धर्म पत्नी श्रीमती कृष्ण वचन ने कविता पाठ द्वारा अपनी श्रृदांजली अर्पित की। श्री राजेश श्रीवास्तव एवं श्री भारती नंदन ने अतिथियों का स्वागत करते हुये आभार प्रकट किया।

 

किसानों के विरुध्द बिजली चोरी के प्रकरणों की जांच सक्षम अधिकारी करेंगे

किसानों के विरुध्द बिजली चोरी के प्रकरणों की जांच सक्षम अधिकारी करेंगे

विवादित बिलों के आवेदन पत्रों का निराकरण होगा

ऊर्जा विभाग द्वारा मैदानी अधिकारियों को दिये गये निर्देश

भोपाल 11 जनवरी 2011/ राज्य शासन द्वारा किसानों की बिजली से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिये निरंतर उपाय किये जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में शासन द्वारा विभिन्न विद्युत संबंधी मांगों के समाधान के त्वरित निराकरण के लिये प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। साथ ही इसका पालन मैदानी अधिकारियों से सुनिश्चित कराने को कहा गया है।

शासन ने किसानों के विरुध्द बिजली चोरी के झूठे, गलत प्रकरण बनाये जाने की शिकायत प्राप्त होने पर इसकी जांच सक्षम अधिकारी से कराई जाने को कहा है। कृषकों के विवादित बिलों के संबंध में आवेदन प्राप्त होने पर उनका निराकरण अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता कार्यालय स्तर पर गठित समिति से कराया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। विद्युत व्यवधान की अवधि में बिल की राशि को निरस्त करने तथा भविष्य में भी इस बात को ध्यान में रखते हुए बिल जारी करने को कहा गया है। साथ ही किसानों के सिंचाई पम्पों की क्षमता की गणना उपयुक्त मानक के विद्युत उपकरणों द्वारा ही करने तथा तदनुसार आंकलित बिल जारी करने के निर्देश दिये गये हैं। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि उपकरणों से की गई पम्प की क्षमता की गणना कृषक या उसके प्रतिनिधि की उपस्थिति में की जाये और इसके अभिलेख रिकार्ड में रखे जायें। निजी ट्रांसफार्मरों की वैधानिक मान्यता के संबंध में कहा गया है कि ऐसे ट्रांसफार्मरों को नियमित करने के लिये कार्यवाही की जाये तथा ट्रांसफार्मर से संबंधित किसान को कनेक्शन देकर नियमित बिल जारी किया जाना सुनिश्चित किया जाये।

राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार इस बात का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाये कि ट्रांसफार्मर जलने पर ऑइल तथा क्षतिग्रस्त कलपुर्जे संबंधित विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा उपलब्ध कराये जायें तथा इसकी कीमत किसानों से नहीं वसूली जाये। साथ ही संभागीय स्तर पर ट्रांसफार्मर की पर्याप्त उपलब्धता (ट्रांसफार्मर बैंक) सुनिश्चित करने को भी कहा गया है। इसके साथ ही यदि कृषक द्वारा आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने एवं ट्रांसफार्मर चार्ज करवाने के उपरांत स्वयं उसका रख-रखाव किया जाता है तो इस स्थिति में उस ट्रांसफार्मर पर कृषक की बिना अनुमति के कोई अन्य कनेक्शन नहीं दिया जाये। उपकेन्द्रों एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृध्दि के संबंध में मैदानी स्तर पर अस्थाई कनेक्शनों की मेपिंग करने को कहा गया है, जिससे वितरण ट्रांसफार्मर के भार का आंकलन किया जा सके एवं ओव्हर लोडिंग की स्थिति पर रोक लगाई जा सके। इससे ट्रांसफार्मर जलने और खराब होने की दर में भी कमी लाई जा सकेगी। इस कार्य की सतत समीक्षा के निर्देश भी दिये गये हैं।

मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे स्व-वित्तीय ट्रांसफार्मर योजना के तहत किसानों के आवेदन प्राप्त होने पर प्राक्कलन की स्वीकृति के लिये प्रकरण को निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत करें। कृषकों द्वारा कार्य पूर्ण कराये जाने पर उन्हें तत्परता से कनेक्शन प्रदाय किये जाने की कार्यवाही की जाये।

मैदानी अधिकारियों द्वारा बिजली बिलों की अग्रिम राशि का भुगतान लेने से मना किये जाने के संबंध में कृषकों द्वारा जमा कराई जाने वाली अग्रिम राशि को प्राप्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं। कृषकों द्वारा स्थापित किये जा रहे पम्प के भार के अनुरूप ही विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये जाने के संबंध में आवश्यक निर्देश भी दिये गये हैं। किसान महा पंचायत योजना में स्वीकृत पम्पों के कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने तथा इसके लिये आवश्यक सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है। मैदानी स्तर पर किसानों की शिकायतों के निराकरण के लिये रबी मौसम के दौरान स्थापित नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्यरत रखने तथा दर्ज शिकायतों की दैनिक समीक्षा वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कराये जाने को कहा गया है।

इसी प्रकार किसानों को निर्धारित अवधि में विद्युत कनेक्शन दिया जाना सुनिश्चित किया जाये। विद्युत समस्या समाधान शिविर संभागीय एवं जिला कार्यालयों के अलावा वितरण केन्द्र स्तर पर साप्ताहिक बाजार के दिन आयोजित करने तथा इन शिविरों में निराकरण किये गये प्रकरणों की जानकारी प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में ऊर्जा विभाग को उपलब्ध कराने को कहा गया है। विद्युत प्रदाय की निर्धारित समयावधि में शट डाउन अथवा मेन्टिनेंस का कार्य नहीं करने के निर्देश दिये गये हैं, जिससे कि विद्युत उपलब्ध होने की स्थिति में किसानों को बिजली उपलब्ध कराई जा सके।

जारी निर्देशों में इसी तरह अलीराजपुर एवं झाबुआ जिले के विद्युतीकृत ग्रामों में जिन मजरे टोले में एल.टी. लाईन नहीं है वहां पर राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत लाईन डालने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करने को कहा गया है। इसकी प्रतिमाह समीक्षा कर प्रतिवेदन ऊर्जा विभाग को भेजने को भी कहा गया है। अशोकनगर, ईसागढ़ एवं साडोरा में 33 के.व्ही. लाईन का कार्य जनवरी, 2011 में पूर्ण करने को कहा गया है। इसके अलावा बनखेड़ी जिला होशंगाबाद में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण कार्य प्राथमिकता एवं कार्यक्रम के अनुसार सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये गये हैं।

 

शहर के विकास के लिए प्रत्येक शहरवासी निभायें सक्रिय सहभागिता : श्री नरेन्द्र सिंह तोमर

शहर के विकास के लिए प्रत्येक शहरवासी निभायें सक्रिय सहभागिता : श्री नरेन्द्र सिंह तोमर

शहर को जे.यू.एन.एन.आर.एम. में जोड़ने के लिए मिलकर उठानी होगी आवाज : महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता

ग्वालियर 11 जनवरी 2011- शहर के विकास के लिए दौड़ को माध्यम बनाकर विकास का जज्बा लोगों में पैदा करने के लिए इस प्रकार के आयोजन सराहनीय है तथा शहर के युवा वर्ग द्वारा शहर को विकास के पथ पर गति प्रदान करने के लिए आज युवाओं द्वारा जो संदेश दिया गया है शहर के प्रत्येक जन जन को उसका सम्मान करते हुए शहर विकास में सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए।

       उक्ताशय के विचार भारतीय जनता पार्टी के राष्टीय महासचिव एवं सांसद श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज ग्वालियर नगर निगम परिषद तथा महापौर के कार्यकाल को एक वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित शहर श्रंगार के नारी संकल्प का प्रथम सोपान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में व्यक्त किए। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि स्थानीय, राज्य या केन्द्र में कहीं भी भारतीय जनता पार्टी की सत्ता हो लेकिन भाजपा के लिए सत्ता साध्य नहीं बल्कि समाज सेवा एवं विकास करने का एक माध्यम है जिससे हम शहर, राज्य अथवा देश का विकास कर सकें। जब विकास होगा तो लोगों को रोजगार मिलेगा तथा गरीबों को सुविधाएं मिलेगीं।

       कार्यक्रम में विशिष्ठि अतिथि के रुप में प्रदेश सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, भाजपा के जिलाध्यक्ष श्री वेदप्रकाश शर्मा उपस्थित थे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता ने की। कार्यक्रम में मुख्य रुप से पूर्व महापौर श्री रधुनाथ राव पापरीकर, श्री विवेक नारायण शेजवलकर, साडा अध्यक्ष श्री जयसिंह कुशवाह, सभापति श्री बृजेन्द्र सिंह जादौन, मेयर इन काउंसिल के सदस्य श्री सतीश बोहरे, श्री जगत सिंह कौरव, श्री महेश गुप्ता, श्रीमती अंजली रायजादा, श्रीमती आशा संतोष राठौर, श्री गिर्राज कंसाना, श्रीमती लक्ष्मी दिवाकर शर्मा, श्रीमती खुशबू गुप्ता,  भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष श्री अभय चौधरी, भाजपा के जिला महामंत्री श्री कमल माखीजानी, श्री राकेश जादौन, श्री रविन्द्र राजपूत, श्रीमती सुमन शर्मा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में उपस्थित हुये अतिथियों का स्वागत सभापति श्री बृजेन्द्र सिंह जादौन, निगमायुक्त श्री एन.बी.एस. राजपूत एवं अपर आयुक्त श्री सुरेश शर्मा द्वारा किया गया।

इस अवसर पर सभी अतिथियाें का स्वागत करते हुए महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता ने कहा कि आज हमें महापौर के रुप में कार्य करते हुए एक वर्ष पूर्ण हुए है तथा इस एक वर्ष में हमने जो सोचा था वैसा विकास किया इसमें हमें सभी का भरपूर सहयोग मिला तथा आगे भी सभी का सहयोग मिलता रहेगा ऐसी मै आशा करती हूं। महापौर श्रीमती गुप्ता ने कहा कि सभी के सहायोग व जनभागीदारी से कार्य करने में सफलता की एक नई किरण दिखती है तथा जबरदस्त उर्जा का संचार होता है।

महापौर श्रीमती गुप्ता ने कहा कि शहर विकास के लिए प्रत्येक जन जन की भागीदारी अत्यावश्यक है तथा सभी के सहायोग एवं जनता की सहभागिता से हम विकास के मामले में इंदौर व भोपाल को भी पीछे छोड़ने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि शहर के सभी जनप्रतिनिधि एवं प्रदेश सरकार के मुखिया ग्वालियर शहर को जवाहर लाल नेहरु शहरी विकास मिशन में शामिल कराने के लिए अपने अपने स्तर पर आवाज उठा रहे हैं लेकिन विकास की नई इबारत लिखने के लिए प्रत्येक जन को मिलकर इसके लिए आवाज उठानी होगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अभी हाल ही में शहर की सड़कों के सुधार के लिए 15 करोड़ रुपए दिए है जिनसे शहर की सड़कों का विकास किया जा रहा है।

इस अवसर पर प्रदेश सरकार के मंत्री श्री विजयवर्गीय ने कहा कि ग्वालियर शहर को विकास की दौड़ में आगे करने के लिए नगर निगम द्वारा आयोजित ग्वालियर विकास दौड़ में दौड़े शहर के युवा बधाई के पात्र है लेकिन शहर विकास के लिए शहर के प्रत्येक नागरिक को आगे आना होगा तथा बलिदान देने के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि बिना बलिदान दिये शहर विकास संभव नहीं है तथा शहर विकास में बाधक बन रहे अतिक्रमण को लोगों को स्वयं आगे आकर हटाना होगा। इस अवसर पर श्री विजयवर्गीय ने कहा कि महापौर श्रीमती गुप्ता को विकास की ऐसी इबारत रचनी चाहिये कि हमेशा शहरवासी उनको याद रखें तथा उनके पदचिन्हों पर चलने की प्रेरणा लें।

इस अवसर पर पूर्व महापौर एवं स्वतंत्रता संग्राम सैनानी डॉ. रघुनाथराव पापरीकर ने कहा कि ग्वालियर शहर का नाम रोशन करने एवं शहर को विकास के क्रम में अग्रणी रखने के लिए इस प्रकार के उत्साहवर्धक कार्यक्रम आवश्यक है तथा शहर विकास के लिए नगर निगम एक संस्था है इस संस्था के माध्यम से सभी जनप्रतिनिधियों को राजनीतिक भेदभाव भूल कर शहर विकास में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिये तथा शहर विकास के लिए शहर के गणमान्य नागरिकों की भागीदारी भी होना चाहिये। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन महापौर कार्यालय के सचिव श्री राकेश मित्तल एवं अतिथियों का आभार व्यक्त निगमायुक्त श्री एन.बी.एस. राजपूत द्वारा किया गया।

       कार्यक्रम के दौरान ग्वालियर विकास दौड़ में शामिल हुये सैकड़ों धावकाें सहित शहर के गणमान्य नागरिक, नगर निगम के सभी अधिकारी/ कर्मचारी आदि उपस्थित थे।

शहर को जे.यू.एन.एन.आर.एम. में शामिल कराने के लिए हजारों नागरिकों ने किये हस्ताक्षर

ग्वालियर शहर को जवाहरलाल नेहरू शहरी विकास मिशन में शामिल कराने हेतु आज शहर के हजारों नागरिकों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया तथा नगर निगम द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान हजारों की संख्या में हस्ताक्षर कर केन्द्र सरकार से शहर को जे.यू.एन.एन.आर.एम. में शामिल करने की मांग की।

 

करोड़ों के विकास कार्यो को लोकार्पण और भूमि पूजन

नगर निगम ग्वालियर के वर्तमान परिषद के एक वर्ष 2010 में पूर्ण हो चुके 30 करोड़ के विकास कार्यों का भूमि पूजन, 22 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा किया गया एवं 150 करोड़ रू. से अधिक के विकास कार्यों का संकल्प कार्यक्रम की अध्यक्षा महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता द्वारा लिया गया।

 

मंगलवार, 11 जनवरी 2011

उद्योगों के लिये प्रदेश के सभी जिलों में पर्याप्त शासकीय भूमि उपलब्ध

उद्योगों के लिये प्रदेश के सभी जिलों में पर्याप्त शासकीय भूमि उपलब्ध

Bhopal: Tuesday, January 11, 2011:

वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि उद्योगों के लिये प्रदेश के सभी जिलों में पर्याप्त शासकीय भूमि उपलब्ध है। सभी जिला कलेक्टरों को उद्योगों की स्थापना के लिये लैण्ड बैंक बनाने के निर्देश दिय गये हैं ताकि प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये उद्योगपतियों को आकर्षित किया जा सके।

लैण्ड बैंक

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित प्रोजेक्ट क्लियरेंस एण्ड इम्पलीमेंटेशन बोर्ड द्वारा प्रदेश में उपलब्ध उपयुक्त शासकीय भूमियों का एक लैण्ड बैंक बनाने का निर्णय लिया गया था। इससे निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये उद्योगपतियों को आकर्षित किया जा सके।

प्रदेश के 45 जिलों की कुल 22506.737 हेक्टेयर शासकीय भूमि चिन्हित की गई है। इसे लैण्ड बैंक के रूप में संधारित किया गया है। इसमें से 20 जिलों की कुल 2636.481 हेक्टेयर शासकीय भूमि राजस्व विभाग से उद्योग विभाग को हस्तांतरित हो चुकी है।

प्रदेश में औद्योगिक इकाईयों को वर्तमान कुल 3900 हेक्टेयर भूमि आवंटन हेतु उपलब्ध है। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों के पास 2100 हेक्टेयर और औद्योगिक केन्द्र विकास निगमों के पास 1800 हेक्टेयर भूमि इस प्रकार कुल 3900 हेक्टेयर भूमि आवंटन हेतु उपलब्ध है।

औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भूमि चिन्हित

इस वित्तीय वर्ष में दिसम्बर माह के अन्त तक औद्योगिक क्षेत्रों और औद्योगिक इकाईयों की स्थापना हेतु प्रदेश के 12 जिलों की कुल 928.545 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गयी है। इसमें से कुल 752.335 हेक्टेयर शासकीय भूमि के हस्तांतरण एवं 176.210 हेक्टेयर निजी भूमि अर्जन के 18 प्रस्ताव संबंधित जिला कलेक्टरों को प्रेषित किये गये हैं।

इस अवधि तक प्रदेश के 5 जिलों के 5 प्रस्ताव अनुसार कुल 261.486 हेक्टेयर शासकीय भूमि उद्योग विभाग को हस्तान्तरित की गई और भू-अर्जन मुआवजा मद में कुल 684.08 लाख रुपये का व्यय हुआ है। औद्योगिक क्षेत्रों के लिये चिन्हित की गई यह भूमि भी निवेशकों को उनकी आवश्यकता के अनुसार उपलब्ध करायी जायेगी।

पावरलूम एवं टेक्सटाईल्स कलस्टर

राज्य शासन ने बुरहानपुर जिले में पावरलूम एवं टेक्सटाईल क्लस्टर के विकास के संबंध में 1036.49 लाख रुपये की परियोजना तैयार की है। यह प्रस्ताव स्वीकृति के लिये औद्योगिक अधोसंरचना उन्नयन योजना (आईआईयूएस) के अंतर्गत केन्द्र सरकार को भेजा गया है जो अभी तक केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के स्तर पर लंबित है।

 

अपूर्ण निर्माण कार्यों को अधिकारी बंद नहीं कर सकेंगे

अपूर्ण निर्माण कार्यों को अधिकारी बंद नहीं कर सकेंगे

कंडिका 14 के प्रावधान में संशोधन, लोक निर्माण विभाग ने जारी किया आदेश

Bhopal: Tuesday, January 11, 2011:

लोक निर्माण विभाग ने स्वीकृत निर्माण कार्यों की कंडिका 14 में अपूर्ण निर्माण कार्यों को बंद करने संबंधी प्रावधानों में संशोधन किया है। अब विभागीय अधिकारी अपूर्ण कार्यों को बंद नहीं कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें शासन से अनुमति लेनी होगी। इस आशय के प्रावधान लोक निर्माण मंत्री श्री नागेन्द्र सिंह के निर्देश पर किये गये हैं। इस आशय के आदेश सभी मुख्य अभियंताओं, अधीक्षण यंत्रियों और कार्यपालन यंत्रियों को जारी किये गये हैं।

उल्लेखनीय है कि कडिका 14 में अपूर्ण निर्माण कार्यों को बंद करने के अधिकार विभागीय अधिकारियों को थे। लोक निर्माण विभाग में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों को अनुबंध की कंडिका 14 के अंतर्गत बन्द करने की प्रथा को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

लोक निर्माण मंत्री द्वारा हाल ही में विभाग में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत चल रहे कार्यों की समीक्षा में यह तथ्य जानकारी में आया था कि कतिपय प्रकरणों में कार्य पूर्ण न होने की स्थिति में विभाग के विभिन्न अधिकारियों जिसमें कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री एवं मुख्य अभियंता है ने अनुबंध को कंडिका 14 के अंतर्गत बन्द करने का निर्णय लिया है। जिसके कारण एक ओर योजना पूर्ण न होने से लोक सुविधा उपलब्ध न करा पाने के कारण शासन की छवि प्रभावित हो रही है दूसरी ओर भविष्य में छोड़े हुये अपूर्ण कार्य को पूर्ण कराने में अतिरिक्त वित्तीय भार शासन को वहन करना पड़ रहा है।

शासन ने उक्त प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने हेतु लोक निर्माण विभाग में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों के अनुबंधों को कंडिका 14 के अंतर्गत बन्द करने की प्रथा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। जिसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित किये जाने के निर्देश सभी अभियंताओं को दिये गये हैं।

निर्देश में कहा गया है कि यदि अपरिहार्य स्थिति में शासन हित में अन्य कोई विकल्प शेष न होने पर अनुबंध को कंडिका 14 के अंतर्गत बन्द कराया जाना है तो ऐसे प्रकरण में पूर्ण विवरण के साथ इसका प्रस्ताव उचित माध्यम से शासन को प्रेषित किया जावे तथा शासन निर्णय उपरान्त ही आवश्यक कार्यवाही की जाये।

 

राज्य स्तर पर राजस्व प्रशासन के लिए विभागाध्यक्ष कार्यालय का गठन (मंत्रि परिषद के निर्णय)

राज्य स्तर पर राजस्व प्रशासन के लिए विभागाध्यक्ष कार्यालय का गठन (मंत्रि परिषद के निर्णय)

पोलीटेक्निक महाविद्यालयों में महिला छात्रावासों के निर्माण की अनुशंसाओं का अनुमोदन

Bhopal: Tuesday, January 11, 2011:

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहां संपन्न मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश में राजस्व विभाग के प्रशासन को अधिक संवेदनशील और जनोन्मुखी बनाने के उद्देश्य से राज्य स्तर पर संपादित किये जाने वाले कार्यो के विकेन्द्रीकरण के लिए एक विभागाध्यक्ष कार्यालय के गठन का निर्णय लिया गया। राज्य स्तर पर विभागाध्यक्ष का नाम प्रमुख राजस्व आयुक्त होगा। इस पद पर ग्रामीण विकास विभाग के अनुरुप प्रमुख सचिव राजस्व को राजस्व आयुक्त घोषित किया जाएगा।

विधि विधायी एवं संसदीय कार्य मंत्री तथा मध्यप्रदेश शासन के प्रवक्ता डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मंत्रि- परिषद के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि इस विभागाध्यक्ष कार्यालय में राज्य प्रशासनिक संवर्ग और कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संवर्ग (तहसीलदार) के अधिकारी पदस्थ किए जाएंगें। इनमें तीन संयुक्त आयुक्त, तीन उपायुक्त तथा 6 सहायक आयुक्त होंगे। पुनर्वास आयुक्त कार्यालय के अन्तर्गत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के स्वीकृत 32 पदों मे से 21 पद पुनर्नियोजित करते हुए विभागाध्यक्ष कार्यालय में पदस्थ किये जाएंगे। विभागाध्यक्ष कार्यालय की वर्तमान व्यवस्था पुनर्वास आयुक्त कार्यालय में रहेगी। भोपाल में निर्माणाधीन राहत आयुक्त कार्यालय का भवन पूर्ण होने पर यह विभागाध्यक्ष कार्यालय राहत आयुक्त कार्यालय के साथ नवीन भवन में स्थानान्तरित होगा।

यह विभागाध्यक्ष कार्यालय तहसीलदार/नायब तहसीलदार स्थापना, सामान्य नियंत्रण, पदोन्नति, सेवानिवृत्ति, स्थानांतरण, संभागायुक्त, कलेक्टर एवं तहसील कार्यालयों की तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी स्थापना, नजूल भूमि एवं जारी किए गये स्थायी और अस्थायी पट्टों, अनुज्ञप्तियों, वेदावा करारों आदि का विवरण संधारित करना, प्रीमियम एवं भू-भाटक का निर्धारण, उगाही एवं वसूली, अभ्यावेदनों की सुनवाई एवं निराकरण, भू अर्जन-विभिन्न वृहद एवं लघु परियोजनाओं के सड़कों आदि एवं अन्य प्रयोजनों से निजी भूमियों के अर्जन की अनुमति, नगरीय भूमि सीमा अधिनियम के प्रभाव में शासनहित में प्राप्त शहरी रिक्त भूमियों से आय/आवंटन सहित विभिन्न कार्य करेगा।

राज्य शासन के मंत्रालय एवं विभागाध्यक्ष कार्यालयों के मध्य कार्य विभाजन के मूल सिद्धांन्त और दिशा निर्देशों के अनुरुप राजस्व आयुक्त (विभागाध्यक्ष) कार्यालय को प्रशासनिक दक्षता एवं जन सामान्य की सेवाओं को सुगम बनाने के लिये समुचित अधिकार प्रत्यायोजित किए गए हैं।

मंत्रि-परिषद ने केन्द्र प्रवर्तित योजना के अन्तर्गत 23 जिला आयुष चिकित्सालयों के उन्नयन के लिए परियोजना परीक्षण समिति की अनुशंसा पर प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की। इन चिकित्सालयों के लिए संविदा आधार पर पदों के सृजन एवं भवन निर्माण, फर्नीचर, उपकरण, औषधि, भोजन व्यय के लिए प्रति चिकित्सालय 63 लाख 36 हजार के मान से स्वीकृति प्राप्त हुयी है।

मंत्रि परिषद ने परियोजना परीक्षण समिति की अनुशंसा के अनुसार केन्द्र प्रवर्तित योजना के तहत 38 विद्यमान पोलीटेक्निक महाविद्यालयों में महिला छात्रावास भवनों के निर्माण की स्वीकृति एवं प्रत्येक महिला छात्रावास के संचालन के लिये भृत्य सह चौकीदार के तीन पद प्रति छात्रावास जिलाध्यक्ष दर पर (संविदा पर) निर्मित करने की स्वीकृति प्रदान की